बच्चों द्वारा Childrens Day का आयोजन हर्षोल्लास से मनाया जाता है । आइये जानते हैं कि 14 नवम्बर को बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ? जैसा की आप सभी जानते हैं कि प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को नेहरु जी के जन्मदिवस पर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चे पूरे हर्षोल्लास के साथ अपने साथियों के संग स्कूल,कालेजों में विविध कार्यक्रम को मनाते हैं ।
बाल दिवस कब मनाया जाता है (Children’s Day) –
Children’s Day 2022, जैसा की हम सब को पता है कि 14 नवम्बर को Childrens Day के रूप में मनाया जाता है। हर बच्चे को इस दिन स्कूल जाने से डर बिलकुल नहीं लगता । क्योकि आज का दिन बच्चो का होता है । और हर बच्चा इस दिन टीचर की डांट घरवालों के ताने इत्यादि जैसी दुविधा से बचा रहता है। वैसे तो बच्चे मन के सच्चे होते है एवं ये राष्ट्र के निर्माता भी होते है। आइये करते है बच्चों के इस ख़ास दिन बाल दिवस की ख़ास पड़ताल।
भारत में बाल दिवस Childrens Day 14 नवंबर को क्यों मनाया जाता है ?
यह प्रश्न अक्सर हमारी प्रतियोगी परीक्षाओं में आ ही जाता है। हर बच्चा यह जानता है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू के जन्मदिवस की तारीख को Childrens Day के रूप में मनाया जाता है। वैसे आपको एक बात बताते चले कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था । बच्चे भी इनको चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। चाचा नेहरू को बच्चों के बीच में रहना बेहद पसंद था । और उन्होंने बच्चों के हित के लिए कई सारे क्रांतिकारी कदम भी उठाये।
- आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकार पर चाचा नेहरू ने कई सारे काम किये ।
- उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका पहला संकल्प था बच्चों की शिक्षा।
- उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में देश को कई सारे बेहतरीन शैक्षिक संस्थानों जैसे – भारतीय प्रौद्योगिकी संसथान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की।
- बच्चो के भविष्य एवं देश को ऐतिहासिक बदलाव दिलाकर, देश का भी भविष्य निखारने में इन सभी संस्थानों का अभूतपूर्व योगदान रहा है।
- चाचा नेहरू ने निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा, कुपोषण से बचने के लिए स्कूलों में मुफ्त भोजन आदि को भी सम्मिलित करवाया।
- इन्ही सब वजहों से उनकी मृत्यु के पश्चात 14 नवंबर उनकी जयंती की तारीख को Childrens Day बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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बच्चों के प्रति चाचा नेहरू के विचार
चाचा नेहरू मानते थे कि देश का उज्जवल भविष्य इन बच्चों के ही हाथों में है, यदि बच्चों को उचित शिक्षा व्यवस्था सही देखभाल और अच्छा मार्गदर्शन दिया जाय तो वे ही आगे चलकर राष्ट्र को नयी ऊंचाइयों तक लेकर जायेंगे। बच्चे राष्ट्र निर्माण में एक शिल्पकार की भूमिका निभा सकते है। उन्हें जैसा मार्गदर्शन मिलेगा वो वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। चाचा नेहरू की दूरगामी सोच और देश को दिए गए उच्च शिक्षण संस्थानों की वजह से आज भारतीय छात्रों का डंका हर देश में बजता है।
बाल दिवस Childrens Day कब मनाया जाता है ? ये 8 अधिकार जाने
Childrens Day 14 नवंबर को मनाया जाता है. क्या आपको पता है कि आपके बच्चे को जन्म लेते ही 8 तरीके के अधिकार प्राप्त हो जाते है। बच्चों के इन अधिकारों को मानवाधिकार के रूप में भी देखा जाता है। बच्चों के विकास की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनके अधिकार सुरक्षित किये गए है। ये सभी अधिकार बच्चों को स्वास्थ्य, ख़ुशी और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में मदद करते हैं । आइये जानते हैं कि क्या है इन बच्चों के वो 8 अधिकार।
1:- राष्ट्रीयता और पहचान से सम्बंधित अधिकार ( अनुच्छेद 7 और 8 )
- सर्वप्रथम तो यह कि बच्चे के पैदा होते ही उसे राष्ट्रीयता का अधिकार मिल जाता है ।
- उसको एक नाम का भी अधिकार मिलता है जो उसके भविष्य में उसकी पहचान को सुनिश्चित करता है।
- बच्चे के जन्म लेते ही उसके नाम और उसकी राष्ट्रीयता का अधिकार उसके लिए सुनिश्चित हो जाता है।
2 स्वास्थ्य सुविधाओं का अधिकार ( अनुच्छेद 23 और 24 के अनुसार )
- अनुच्छेद 23 और 24 में बाल स्वास्थ्य अधिकार के विषय में विस्तार पूर्वक वर्णन दिया गया है।
- बालकों के स्वास्थ्य सम्बंधित अधिकार सुरक्षित वातावरण और उनके पोषण और चिकित्सा सम्बंधित विषयों पर अधिकार सुरक्षित किये गए है।
- भारतीय संविधान में बाल अधिकारों में इस स्वास्थ्य के विषय में बालकों को कई सारे अधिकार प्राप्त है।
3 शिक्षा का अधिकार ( अनुच्छेद 28 के अनुसार )
- बच्चों का शारीरिक विकास हो और उनके लिए स्वस्थ वातावरण बने इसके लिए उन्हें अनुशाशित जीवन कौशल को विकसित करने के लिए मुफ्त प्राथमिक शिक्षा क अधिकार अनुच्छेद 28 में संरक्षित किया गया है।
- इस अनुच्छेद में हिंसा दुर्व्यहार या उपेक्षा से मुक्ति शामिल है।
4 :- पारिवारिक जीवन का अधिकार ( अनुच्छेद 8,9,10 ,16,22, और 40, के अनुसार )
- जिन बच्चों के पास पारिवारिक जीवन की पहुंच नहीं है,जैसे की शरणार्थी बच्चे उन्हें विशेष देखभाल का अधिकार है और उनकी देखभाल उन लोगों द्वारा की जानी चाहिए जो अपने जातीय समूह, धर्म, संस्कृत और भाषा का सम्मान करते है।
- दुष्कर्म इत्यादि के मामले में बच्चों को एक किशोर न्याय तंत्र के तहत कानूनी सलाह लेने का अधिकार संरक्षित है, जिसमे कार्यवाही का निष्पक्ष और त्वरित समाधान हो।
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5 :- मारपीट एवं हिंसा से सुरक्षा का अधिकार ( अनुच्छेद 19 और 34 के अनुसार )
- अनुच्छेद 19 और 34 के अनुसार यह परिवार की जिम्मेदारी है कि बच्चों के साथ दुर्व्यवहार या यौन या शारीरिक हिंसा का शिकार नहीं होना चाहिए।
- सभी प्रकार के यौन शोषण और दुर्व्यवहार अस्वीकार्य है, और इस अनुच्छेद में बच्चों की बिक्री, बाल वेश्यावृत्ति और बाल अश्लीलता को ध्यान में रखकरअधिकार संरक्षित किये गए है।
6 :- अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार ( अनुच्छेद 12 और 13 )
- इस अनुच्छेद में बच्चों को उनकी राय प्रदान करने का अधिकार दिया गया है, परन्तु एक बात बच्चों की राय उनकी परिपक्वता और उनकी उम्र पर निर्भर करती है।
- बच्चों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तब तक है जब तक कि वे अपने राय से दूसरों को नुक्सान नहीं पंहुचा रहे है।
7 :- सशस्त्र संघर्ष से सुरक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 38 और 39 के अनुसार )
- सशस्त्र संघर्ष वो होता है जो निर्दोष बच्चों को शरर्णार्थी, कैदी या सशस्त्र संघर्षों में भाग लेने वालों में परिवर्तित करता है।
- ये सभी चीजें बच्चों की नैतिकता की धारणा को गंभीर रूप से नुक्सान पहुँचाती है।
- युद्ध से प्रभावित बच्चों के पुनर्वास की मांग करते हुए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए क़ि बच्चों को किसी भी प्रकार के सशस्त्र संघर्ष में भाग लेने हेतु मजबूर न किया जाय ।
8 :-शोषण से सुरक्षा का अधिकार ( Child Labour ) ( अनुच्छेद 19, 32, 34,36 और 39 के अनुसार )
- बच्चो को कभी भी क्रूरता से दण्डित नहीं किया जा सकता है भले ही वह न्याय प्रणाली के दायरे में ही क्यों न हो।
- बच्चों को मौत या उम्र कैद की सजा की अनुमति नहीं है, साथ ही साथ बच्चों को वयस्क कैदियों के साथ सजा नहीं दिया जा सकता है।
- बच्चों से कठिन या खतरनाक परिस्थियों में कार्य नहीं कराया जा सकता है।
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बच्चों को विशेष प्रकार की सुरक्षा देने वाले इन नियमों को आप सब ने पढ़ा और समझ भी गए होंगे। उम्मीद है बाल दिवस पर विशेष यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। ऐसी ही अन्य जानकारियों को साझा करने हेतु हम सदैव प्रतिबद्ध है। हम आपके लिए नित नवीन जानकारी रुपी खजाना प्रस्तुत करते रहेंगे, बस आप सभी हमारी वेबसाइट jagrukpublic.com पर निरंतर नयी जानकारियों हेतु विजिट करते रहें।
लेखक – आशीष कुमार शुक्ल