दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं Mushroom Ki Kheti की। आज इस आर्टिकल के माध्यम से मशरूम की खेती से लेकर बिक्री तक की पूरी जानकारी देते हैं। यदि आप वेरोजगार हैं।और आपमें खेती करने का जूनून है तो आप मशरूम जी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कुछ वर्षो से किसानो का झुकाव मशरूम की खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हुआ। इसका प्रमुख कारण इसका मूल्य भी है। जिससे किसानो को अच्छी आमदनी होती है। मशरूम की मांग पहले शहरो में ज्यादा थी। लेकिन अब गाँवों में भी इसका प्रचालन तेजी से फैला है। मशरूम की मांग बढ़ रही है। ऐसे में इसकी खेती करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। इसकी खेती में आप दूसरी खेती भूल जायेंगे।
मशरूम क्या है और यह कैसा दिखता है ? Mushroom Ki Kheti
मशरूम एक पौधे की श्रेणी में आता है। इसमें अधिक मात्र में प्रोटीन एवं पोषक तत्त्व मौजूद रहते हैं। यह फफूंद से बनता है।और इसमें विटामिन डी.की अधिकता रहती है।वैसे तो इसकी किस्में काफी मात्रा में होती है। लेकिन लगभग 70 प्रजातियाँ ही खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। यह कम्पोस्ट में ही तैयार की जाती है। इसका आकर छतरी नुमा होता है। इसके लिए ठंढी जलवायु ही उपुक्त होती है। यह पोषण से भरपूर होता है। तथा इसमें वसा की मात्रा बिलकुल कम होती है। यह स्वस्थ ह्रदय के लिए अच्छा भोजन हो सकता है। मसरूम को लोग रोजमर्रा के उपयोग में स्थान दे रहे हैं।
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मशरूम की खेती कैसे करें ? Mashroom Farming
Mushroom Ki Kheti के लिए जलवायु का प्रमुख योगदान होता है। इसकी पैदावार जलवायु पर ही निर्धारित रहती है। इसके लिए खेत की आवश्यकता नही होती इसकी खेती किसी भी स्थान पर व्यवस्था करके की जा सकती है। मशरूम उगाने के लिए हमें कम्पोस्ट खाद की आवश्यकता होती है। इसके लिए गेंहू का भूसा और धान की पराली भी उपयुक्त रहती है। अच्छी गुणवत्ता वाले कम्पोस्ट बनाने के लिए हम कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग भी कर सकते हैं।
मशरूम के उगाने की विधि
Mushroom Ki Kheti करने से पहले आपको इसके लिए उपयुक्त उगानें के स्थान का चुनाव अवश्य कर लेना चाहिए।अधिकांश लोग अपने घर पर ही मशरूम उगाना पसंद करते हैं। मशरूम उगाने के लिए कम से कम 200 से 350 Sq फीट का स्थान होना चाहिए जो की हवादार होना चाहिए। मशरूम उगने वाले स्थान पर धूप नहीं पड़नी चाहिए क्योंकि सूरज की किरणे मशरूम को नुकसान पहुंचा सकती हैं । अगर आप मशरूम उगाकर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो पहले आप इसकी ट्रेनिंग जरूर कर लें । मशरूम उगाने के लिए आप सबसे पहले बेड बना लें जिसमें
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कौन से किस्म के मशरूम उगाने चाहिए ?
वैसे तो मशरूम के बहुत से किस्में होते हैं लेकिन खाने के लिए सबसे उपयुक्त कुछ किस्मे ही ज्यादा अच्छे माने जाते हैं । आइये बताते है इन किस्मों को विस्तार से –
दुधिया मशरूम –
- Mashroom के इस किस्म की खेती मैदानी इलाकों में ही उपयुक्त होती है।
- इस किस्म के मशरूम के बीज फैलाव के वक्त 20 से 30 डिग्री तापमान के बीच होना चाहिए।
- इस किस्म के मशरूम के लिए हवा की नमी की मात्रा लगभग 75 प्रतिशत के आसपास ही होनी चाहिए इससे इसका जमाव बहुत बढ़िया होता है ।
ढिंगरी मशरूम –
- इस मशरूम की खेती के लिए सर्दियों का मौसम ही उपयुक्त होता है। यह इसके लिए बहुत अनुकूल होता है ।
- इस किस्म की खेती पूरे भारत में की जाती है ।
- इस फसल का चक्र 50-60 हवाओं में नमी की मात्रा 80 प्रतिशत होनी चाहिए।
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सफेद (स्वेत) बटन मशरूम –
- इस मशरूम का रंग बिलकुल सफेद होता है इसे ज्यादा उगाया और खाया जाता है।
- इसकी खेती के लिए 20-25 डिग्री का तापमान आवश्यक होता है ।
- इस मशरूम की खेती भी सर्दियों में की जाती है यह देखने में बिलकुल सफेद नजर आता है।
- इसका क्यूब अर्धगोलाकार के तरीके का होता है ।
शिताके मशरूम –
- वैसे तो इस प्रकार के Mashroom की खेती जापान देश में सर्वाधिक की जाती है।
- इस मशरूम का क्यूब भी अर्धगोलाकार के तरीके का होता है।
- इसमें हलका लालिमा होता है।
- इस मशरूम के बीज रोपण के लिए 22 से 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है
- इसके तैयार होने के लिए 15 से 20 डिग्री का तापमान अच्छा माना जाता है ।
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मशरूम उगाने के लिए स्थान बनाने की विधि : Benefits of Mushroom
मशरूम उगाने से पूर्व हमें उस स्थान का चुनाव करना चाहिए जो कि हमारे मशरूम के लिए सबसे उपयुक्त हो। इसके लिए सबसे पहले कम्पोस्ट खाद,पुआल,भूसा आदि एकत्रित करलें उसके बाद इसको मिश्रित करके खाद बना लें । इन सामग्री को उपयोग में लेने से पहले इसकी गुणवत्ता को अच्छे से जांच लें यह बारिश में भीगा हुआ न हो। इस सभी अपशिष्टों को 6-7 सेमी में अच्छे से टुकड़ों में काटकर तैयार कर लें। इस खाद में सेल्यूलोज,हेमी सेल्यूलोज और लिग्निन पाया जाता है इन सभी तत्वों का इस्तेमाल मशरूम के कवक वर्धन के लिए किया जाता है क्योंकि इनसे क्यूब अच्छे से तैयार हो जाता है। मश्रूम्की खेती बंद कमरों में भी की जाती है क्योंकि इसमें सूरज की रौशनी नहीं जा पाती है। बाद में जब Mashroom के क्यूब निकाल आते हैं तो इन्हें 5-6 घंटे के लिए हवा की आवश्यकता पड़ने लगती है।
अपशिष्टों को तैयार करने की विधि
- मशरूम के बेड तैयार करने के लिए सबसे पहले भूसे को किसी जूट के बोरे में भरकर उबलते पानी में आधे घंटे के लिए डुबों दें।
- इसके बाद फर्श पर फैलाकर इसमें से पानी निकाल दें और 50 प्रतिशत नमी होने तक सुखा लें
बीज रोपण करने की विधि
- सबसे पहले तैयार हुए भूसे की नमी को सुखा लें
- इसके बाद बीज बोनें के लिए पालीथीन बैग ले लें इन पालीथिन बैग में तैयार किया गया भूसा भर लें और मशरूम के बीजों को इसमें डाल दें।
- बीज डालने के बाद भूसे की एक परत और इसपर डालदें जिससे बीज ढक जाए।
- यह प्रक्रिया कम से कम 3- 4 बार अवश्य कर लें ।
- वैसे तो अधिकाँश प्लाटिक की थैलियों में बारीक छेद पहले से ही होते हैं लेकिन यदि न हो तो आप इसमें छेद करलें।
- पालीथीन में छेद होना आवश्यक है जिससे पालीथीन का अतिरिक्त जल इसके माध्यम से बाहर निकाल जाये।
- रोपित किये गए पालीथीन बैग को ऐसी स्थान पर जरूर रखें जहाँ हवा लगने की स्थित बहुत कम हो।
- मशरूम को शुरू में हवा से बचाना बहुत आवश्यक है नहीं तो नमी के कारण यह खराब भी हो सकता है।
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तैयार Mashroom की तुड़ाई और रखरखाव
मशरूम उगाने के बाद लगभग 40-50 दिन के बाद यह बेचनें के लिए तैयार हो जाती है। ध्यान रहे की तैयार होने के बाद इसे जल्द से जल्द कट लें और बिक्री कर दें। मशरूम को डंठल के निचले भाग को घुमाकर आसानी से तोड़ लें अच्छे स्थान पर रख लें। बिक्री के समय आप 250 वजन की पैकेट बना सकते हैं और अच्छे मुनाफे के साथ बेच सकतें हैं।
मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग आवश्यक
आइये जानते हैं कि Mushroom Ki Kheti करने के पहले इसकी ट्रेनिंग बहुत आवश्यक होता है। जैसा कि हम जानते हैं कि मशरूम की खेती करके मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है,क्योंकि शादी विवाह के सीजनों में इसकी अधिक डिमांड होती है। इसका औसतन मूल्य 200 से 250 के करीब घटता बढ़ता रहता है।लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यह एक नाजुक फसल भी है इसके रोपाई से लेकर तोड़ाई और बिक्री करने तक कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। इसके लिए हमें ट्रेनिंग की आवस्यकता पड़ती है यदि हम ट्रेनिंग करके खेती करते हैं तो निश्चित ही कम समय में मशरूम की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ट्रेनिंग की सुविधा और फसल की समस्त जानकारी कृषि विभाग और अन्य संस्थाओं द्वारा दी जाती है।
कम्पोस्ट में उपयुक्त सामग्री | धान का पुआल,भूसा आदि |
मशरूम की कीमत | लगभग 250 से 300 |
फसल की अवधि | 40 से 50 दिन |
मशरूम उगाने के लिए उपयुक्त स्थान | हवा रहित |
मशरूम के लिए जलवायु | ठंडी जलवायु |
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मशरूम की खेती में आने वाला खर्च
मशरूम की खेती करने के इच्छुक व्यक्ति के लिए इसका खर्च उगाये गए मशरूम के एरिया पर निर्भर है। कीटनाशक दवाओं,कम्पोस्ट,भूसा आदि सामग्री पर इसका खर्च आता है।
FAQ –
प्रश्न 1- क्या मशरूम की खेती घर पर की जा सकती है ?
उत्तर – जी हाँ मशरूम की खेती के लिए घर का स्थान भी बहुत उपयुक्त रहता है, क्योंकि वहां धूप की अधिकता नहीं रहती है.
प्रश्न 2- मशरूम कितने दिन में तैयार होता है ?
उत्तर – मशरूम की पैदावार और उगने का समय इसके नश्ल पर निर्धारित होता है, वैसे तो मशरूम 45 दिन से ही तैयार होना शुरू हो जाता है.
प्रश्न 3 – एक किलो मशरूम कितने रुपये का बिकता है ?
उत्तर – मशरूम का भाव उसकी वेरायटी पर तय होता है जैसा मशरूम वैसा उसका भाव, सीजन में मशरूम का भाव 500 – 600 रुपये तह हो जाता है.
प्रश्न 4 – क्या मशरूम की खेती घर पर की जा सकती है ?
उत्तर – मशरूम की खेती के लिए घर का स्थान बहुत उपयुक्त रहता है , क्योंकि वहां पर सूर्य की किरणें मशरूम पर बुरा असर नहीं डाल पाती हैं और घर पर मशरूम का जमाव भी बहुत बढ़िया रहता है.अधिकांश लोग मशरूम की खेती घर से ही शुरू करते हैं.